मां: महत्व, स्नेह, सम्मान

मां: महत्व, स्नेह, सम्मान मां (मदर) शब्द प्यार, देखभाल और त्याग का पर्याय है। मां निस्वार्थता, पालन-पोषण और ताकत की प्रतिमूर्ति होती है। वह परिवार की आधारशिला, एक मार्गदर्शक, और किसी भी व्यक्ति का पहला संबंध होती है। सभी संस्कृतियों, परंपराओं और धर्मों में मां के महत्व को मान्यता और सम्मान दिया गया है। मां का महत्व 1. पहली शिक्षक: मां बच्चे की पहली गुरु होती है। वह नैतिकता, मूल्यों और ज्ञान का पाठ पढ़ाती है, जो बच्चे के चरित्र और भविष्य की नींव रखता है। 2. भावनात्मक सहारा: मां सुरक्षा और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करती है। उनकी उपस्थिति तनाव और कठिनाई के समय सुकून देती है। 3. त्याग और समर्पण: मां का जीवन त्याग का प्रतीक है। वह अपने बच्चों की जरूरतों को अपनी इच्छाओं से ऊपर रखती है और उनके भले के लिए अक्सर कष्ट सहती है। 4. रिश्तों की सूत्रधार: मां परिवार को जोड़कर रखने वाली कड़ी होती है। वह रिश्तों को पोषित करती है और घर में स्नेहपूर्ण माहौल बनाती है। मां का स्नेह मां का प्यार अनमोल और अमर है। यह बिना किसी शर्त के होता है और हर परिस्थिति में अडिग रहता है। बच्चे के जन्म से पहले ही मां...